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रत्नों में राजा के गुरु (राजगुरु)  हैं पुखराज ।। 

क्या कहे पुखराज के बारे में ! एक माणिक्य ही तो सार्वभौम की  धुरी पर पर्याप्त हैं सोचने वाली बात हैं जो माणिक्य को संचालित करने की जो क्षमता रखे वो हैं पुखराज । देव गुरु वृहस्पति का रत्न पुखराज ऐसे ही हैं जिनके हाथ में सृष्टि के निर्माण का डोर भी हैं और विनाश का डोर भी ये नैसर्गिक रूप से सबसे ज्यादा शुभ ग्रहों में आते हैं । सृष्टि की हर-एक तथ्य इनकी सनिध्य में हैं चाहे ज्ञान हो विज्ञान हो देवता हो या सम्पूर्ण ब्रह्मांड की शक्ति हो वंश को आगे बढ़ाने की सामर्थ्य भी गुरु के पास ब्रह्मांडीय सत्ता का स्वामी गुरु को ही माना गया हैं ।। चाहे भौतिक तौर पर हो या अभौतिक तौर पर जन्म से मृत्यु तक के स्वरूप में गुरु की महिमा ही सर्वोच्च हैं । यही हैं पुखराज जिसकी भी कुंडली में गुरु अशुभ हो जाते हैं वो सबकुछ पाकर के भी कुछ नहीं पाता गुरु की ही महिमा हैं। जो पुरुष जातक के जीवन में ज्ञान विज्ञान सामर्थ्य प्रदान करते हैं यहाँ तक की गुरु की ही कृपा से आगे का वंश संतान की प्राप्ति हो जाती हैं ।। ऐसे हैं रत्नों के राज गुरु पुखराज ।।

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रत्नों में राजा के गुरु (राजगुरु)  हैं पुखराज ।।  क्या कहे पुखराज के बारे में ! एक माणिक्य ही तो सार्वभौम की  धुरी पर पर्याप्त हैं सोचने वाली बात हैं जो माणिक्य को संचालित करने की जो क्षमता रखे वो हैं पुखराज । देव गुरु वृहस्पति का रत्न पुखराज ऐसे ही हैं जिनके हाथ में सृष्टि के निर्माण का डोर भी हैं और विनाश का डोर भी ये नैसर्गिक रूप से सबसे ज्यादा शुभ ग्रहों में आते हैं । सृष्टि की हर-एक तथ्य इनकी सनिध्य में हैं चाहे ज्ञान हो विज्ञान हो देवता हो या सम्पूर्ण ब्रह्मांड की शक्ति हो वंश को आगे बढ़ाने की सामर्थ्य भी गुरु के पास ब्रह्मांडीय सत्ता का स्वामी गुरु को ही माना गया हैं ।। चाहे भौतिक तौर पर हो या अभौतिक तौर पर जन्म से मृत्यु तक के स्वरूप में गुरु की महिमा ही सर्वोच्च हैं । यही हैं पुखराज जिसकी भी कुंडली में गुरु अशुभ हो जाते हैं वो सबकुछ पाकर के भी कुछ नहीं पाता गुरु की ही महिमा हैं। जो पुरुष जातक के जीवन में ज्ञान विज्ञान सामर्थ्य प्रदान करते हैं यहाँ तक की गुरु की ही कृपा से आगे का वंश संतान की प्राप्ति हो जाती हैं ।। ऐसे हैं रत्नों के राज गुरु पुखराज ।।   पुखराज रत्न के फायदे :-   ज्ञान विज्ञान में महारथ प्रदाता निर्माण और विनाश का सामर्थ्य प्रदाता वैज्ञानिक तथ्यों से साक्षात्कार करवाने वाला स्त्री जातिका के लिए पति के कारक पुरुष जातक के लिए संतति कारक विद्यार्थियों के लिए शिक्षा नौकरी पाने वालों के लिए नौकरी प्रदाता पंडितों के लिए पांडित्य ज्ञान प्रदाता वैज्ञानिकों के लिए विज्ञानिक सिद्धान्त प्रदाता हर-एक धुरी पर सामर्थ्यवान बनाने का सामर्थ्य सत्ता समृद्धि भौतिक व अभौतिक सुख प्रदाता धर्म की डोर को पकड़ने वाला व्यक्ति के सर्वमनोकामना पूर्ति के कारक शिक्षण, ज्योतिष, तंत्र, मंत्र, ज्ञान, विज्ञान, के क्षेत्रों में सफलता के कारक ये पुखराज की ही महिमा हैं जो शिक्षक भी बनाते हैं ज्योतिष भी तंत्र और मंत्र के ज्ञाता भी ज्ञानी और विज्ञानी भी बनाते हैं ये स्त्री के घर को भी बसाते हैं और आगे के वंश को भी संतति प्रदान करके बढ़ाते हैं । पुखराज मूलतः मेष वृषभ कर्क सिंह वृश्चिक धनु कुम्भ व मीन लग्न के जातक व जातिका पुखराज धारण कर सकते हैं किन्तु लग्न में गुरु की स्तिथि देख लेनी उचित होंगी ।। क्योंकि गुरु यदि पीड़ित हुए तो परिणाम आपके ऊपर उलट हो सकता हैं । इसीलिए किसी ज्योतिषविज्ञ से सलाह ले लेना उचित होगा ।।

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