नीलम अमूल्य संसाधन के अधिपति :-
नीलम को अमूल्य संसाधन का आधिपत्य माना गया हैं । किसी भी व्यक्ति का कर्म उसका अमूल्य संसाधन होता हैं जो व्यक्ति को उसके कर्म अनुसार फल प्रदान करता हैं । भाग्य एवं वर्चस्व की वृद्धि करने वाला एवं तीव्र गति से फलित व्यक्ति के कर्म ही होते हैं इसीलिए नीलम धारण करने वाले को तीव्र गति से सफलता मिलता हैं ।। मनोकामना को पूर्ति के कारक निर्धारित लक्ष्य द्वारा निर्धारित करने का सामर्थ्य नीलम में हैं । नीलम की महिमा इतनी हैं की ये सभी रत्नों में से सबसे तीव्र गति से फलित होते हैं ।। जनता का समर्थन व व्यक्ति के वर्चस्व में लोकप्रियता का कारक नीलम होता हैं । नीलम का प्रभाव कर्म प्रधान हैं कर्म की प्रधानता कार्य से हैं नीलम धारण करने वालों को कार्य में सफलता दिलाने वाला हैं नीलम लक्ष्य प्राप्ति करवाता हैं ।
नीलम धारण करने के फायदे :-
कार्य क्षेत्र में सफलता
आकस्मिक लाभ
नौकरी में पददोन्नति
व्यक्तिगत वर्चस्व
राजनैतिक क्षेत्र में जनता का समर्थन
निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति
मनोकामना पूर्ति
लोकप्रियता
नयायधीश वकालत व कोर्ट से सम्वन्धित कार्य में सफलता ।
नौकरशाही में सफलता
सेवादार का सुख
वैराग्य की प्राप्ति
शत्रुओं का नाश
ये सभी नीलम धारण करने वालों को मिलती हैं । नीलम व्यक्तिगत तौर पर व्यक्ति के कर्म को निर्धारित करता हैं और उसी आधार पर फलित होता हैं ।। मुख्यतः वृषभ मिथुन कन्या तुला मकर कुम्भ लग्न में जन्मे जातक नीलम धारण कर सकते हैं किन्तु, इससे पहले शनि की स्तिथि कुंडली में देखना अति आवश्यक हैं । शनि मूल रूप से व्यक्ति को बढ़ाता हैं मित्रता को बढ़ाता हैं भाग्य का धन कार्य को बनाता हैं। शनि के प्रभुत्व वाला रत्न नीलम इनको प्रदान करता हैं ।। भाग्य की वृद्धि व भाग्य निर्माण कार्य के द्वारा करता हैं नीलम धारण करने वालों को अपने कर्म पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती हैं क्योंकि जिनका आधिपत्य कार्य व कर्म पर हैं मेहनत पर हैं वो कर्माधिकारी कुछ दंड दे सकते हैं ।।
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