रत्नों की आत्मा अर्थात मूल तत्व हैं हीरा ।।
रत्नों का आत्मा हैं हीरा भौतिक सुख समृद्धि काया निर्माण तत्व के अधिष्ठाता रत्नों में हीरा सर्वोच्च स्थान को प्राप्त हैं एक तरफ यदि पुखराज जैसे रत्न का प्रभाव हैं तो दूसरी और हीरा का राक्षस गुरु शुक्राचार्य का आधिपत्य हो तो उससे बेहतर कौन हो सकता जीवन दायनी तत्व के ऊपर अपना प्रभाव रखते हैं संतति निर्माण में भौतिक सुख में गाड़ी बांग्ला जमीन संतान पुरुष के विवाह के भौतिक सुख समृद्धि के कारक हैं भाग्य निर्माता सुंदर काया के स्वामी हैं दैनिक जीवन काल खंड में मौजूद तमाम भौतिक कारकों को प्रदान करने का सामर्थ्य रखने वाले रत्न हैं ।
शुक्र की स्तिथि निर्धारित करती हैं व्यक्तिगत उत्थान की ।। भौतिक काया शरीर निर्माण के तत्व पर जिसका प्रभाव हो चाहे स्त्री हो या पुरुष स्त्रीत्व और पुरुषतत्व पर प्रभाव जिनका हो वो साधारण नहीं हो सकता वर्तमान समय में हीरा का बेहद ही महत्वपूर्ण स्थान हैं क्योंकि ये आधुनिक काल खंड के हर-एक भौतिक वास्तु प्रदान करके व्यक्ति के वर्चस्व को व्यक्तिगत सामर्थ्य से निर्धारित करते हैं । हीरा धारण करने वालों के पास कभी भी धन जमीन स्त्री कार्य सम्वन्धित समस्याएं नहीं होती यदि होती भी हैं तो जातक या जातिका इतनी सामर्थ्यवान होते/होती हैं की वो मौजूद संसाधनों का उपयोग करके उस पर हमेशा विजय श्री को प्राप्त होते व होती हैं । हीरा धारण करने वालों के ऊपर माहामाया लक्ष्मी अपनी कृपा हमेशा बनाए रखने की कोशिश करती हैं ।
हीरा पहनने के फायदे :-
जमीन जायदाद प्रदाता हैं हीरा
गाड़ी बांग्ला प्रदाता हैं हीरा
सुंदरता प्रदान करता हैं हीरा
व्यक्तिगत उत्थान भौतिक तौर पर करता हैं हीरा
प्रेम प्राप्ति करवाता हैं हीरा
भौतिक संसाधन प्रदाता
वीर्यदोष को खत्म करता हैं हीरा
आकर्षण सम्मोहन वर्चस्व को निर्धारित करता हैं हीरा
लगभग सम्पूर्ण कला के क्षेत्र में सफलता
मौडलिंग के क्षेत्र में सफलता
पुरुष के विवाहिक व शारीरिक सुख का कारक हैं
शत्रुओ का नाश करता हैं हीरा
भाग्य निर्माण-कर्ता है हीरा
आधुनिक काल खंड में व्यक्ति का उत्थान और सामर्थ्य उसके धन दौलत जमीन जायदाद से की जाती हैं रूप रंग से की जाती हैं व्यक्तिगत छवि जो व्यक्ति के आकर्षण व सम्मोहन द्वारा वर्चस्व को निर्धारित करे उससे की जाती हैं अर्थात हीरा इन सभी वस्तुओ की आत्मा हैं जिसकी प्राप्ति करवा देती हैं । चाहे स्त्री हो या पुरुष शारीरिक व मानसिक प्रेम की प्राप्ति का जरिया हीरा ही बनता हैं । मूलतः वृषभ मिथुन कर्क कन्या तुला व मकर लग्न में जन्मे जातक के लिए हीरा संजीवनीप्रद हैं ।। विशेष तौर पर जातक को अपनी कुंडली किसी ज्योतिषविज्ञ से दिखा लेनी चाहिए तत्पश्चात रत्न धारण करें ।।
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