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बिना पञ्चाङ्ग के दैनिक सूर्योदय साधन / दिनमान व रात्रिमान व मिश्रमान साधन स्पष्टीकरण

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बिना पञ्चाङ्ग के दैनिक सूर्योदय साधन / दिनमान व रात्रिमान व मिश्रमान साधन स्पष्टीकरण

Bhagalpur astrology & research centre astrologer :- mr. r.k.mishra        contact :- 6202199681 an Indian gov. registered astrology centre in bhagalpr silk city of bihar   gov registered num :- UDYAM-BR-07-0021025  

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सिर्फ ज्योतिष के नव विद्यार्थियों हेतु लेख ।।

बिना पञ्चाङ्ग के दैनिक स्थानीय सूर्योदय साधन :-

दैनिक सूर्योदय साधन / दिनमान व रात्रिमान साधन ।

विशेष लेख :-

वैसे तो भारत में अलग अलग स्थानों पर अपना पञ्चाङ्ग निर्धारित हैं । जिसके माध्यम से स्थानीय सूर्योदय का ज्ञान सहज रूप से पता चल जाता हैं । किन्तु ,  क्या बिना पञ्चाङ्ग के सूर्योदय , सूर्यास्त , दिनमान , रात्रिमान व मिश्रमान ज्ञात किया जा सकता हैं ? वास्तव में ये गणितीय सिद्धांत भूगोल से संबंधित हैं ।  भूगोल के छात्र इस विषय वस्तु को सामान्य गणितीय सिद्धांत से सिद्ध करते हैं ! किन्तु , ज्योतिषीय क्रिया कलाप हेतु भूगोलिक सिद्धांत पर्याप्त नहीं हैं ।

सामान्य भूगोलिक सिद्धांत देशान्तर मान पर आधारित हैं । जिसे अक्षांशीय आधार विंदु पर निर्धारित किया गया हैं ।

ज्योतिष के आगामी क्रियाकलाप हेतु उपरोक्त निर्दिष्ट सिद्धांत को भी समझना बेहद ही जरूरी हैं ।

सिद्धांत १.

भूगोल के विद्यार्थियों का सिद्धांत देशान्तरीय अक्षांश मान व स्थानीय अक्षांश मान के मध्य का देशान्तर मान को स्पष्ट करने के पश्चात निर्धारित लक्षित समय को दर्शाने की पद्धति हैं । आइए इसे समझने की चेष्टा करते हैं ।

भारत का अक्षांशीय मान से इस सिद्धांत को समझने की चेष्टा करते हैं । उपर्युक्त सिद्धांत को हम आगे ज्योतिषीय क्रियाओ में सम्मिलित करेंगे , इसी प्रयोजन से इस सिद्धांत को यहाँ आप सभी के समक्ष रखने की कोशिश कर रहा हूँ । ताकि आगामी ज्योतिषीय क्रिया से संबंधित गणितीय सिद्धांत को समझने में सहायक सिद्ध हो । 

इसके लिए हम सर्वप्रथम अपने देश के देशान्तर मान को स्पष्ट करेंगे ।

भारत का देशान्तर मान ८२.५ ब्रिटेन के ग्रीनविच सिटी के ० निर्धारित मान के अनुसार हैं । जिसका समय अंतर (+५:३०) पूर्व हैं माफ कीजिएगा इसका विशेष रूप से यहाँ लेख में सिद्ध नहीं कर रहा हूँ । किन्तु आगामी प्रक्रिया से समझ में आपको आ जाएगा ।


चुकी भारत का देशान्तर मान भारत के मिर्जापुर उत्तर प्रदेश से लेकर निर्धारित किया गया हैं जिसका मान ८२:५ हैं ।

.५ को हम सभी समय गणना करने हेतु .३० में निर्धारित करते हैं ।

चरण १.

  • अब स्थानीय भागलपुर का देशान्तर मान लेते हैं जो की ८६:९८ देशान्तर पर स्थित हैं । मिर्जापुर भारत के देशान्तर मान और स्थानीय भागलपुर के देशान्तर मान का अंतर ज्ञात करते हैं ।

चुकी स्थानीय देशान्तर मान भारत के मिर्जापुर के देशान्तर मान से अत्यधिक हैं इसी लिए स्थानीय देशान्तर में से मिर्जापुर उत्तरप्रदेश के देशान्तर मान को घटा देते हैं ।

                                                                        ८६.९८ – ८२.५० = ४.४८  मिनट अंतर होता हैं ।

 चुकी सूत्र अनुसार :-

एक दिवस में २४ घंटे होते हैं ।

और सूर्य २४ घंटे में ३६० धरती के अक्ष पर घूमता हुआ प्रतीत होता हैं जिससे एक दिवस मे एक दिन और एक रात्री हो जाती हैं ।

इसीलिए :-

२४ घंटे = ३६०0

१ घंटे =  ३६०÷ २४ = १५

१ घंटे = १५

१ घंटे = ६० मिनट = १५

 = ६० ÷ १५ = ४ मिनट

अर्थात :- ४ मिनट में धरती अपने अक्ष पर १घूमती जाती हैं ।

चरण २ समाधान :-

चुकी :-  अपने स्थानीय देशान्तर अपने राष्ट्रीय देशान्तर मान से अंतर ४:४८ मिनट उपरोक्त प्रकरण द्वारा स्पष्ट हैं ।

चुकी :- १  अपने अक्ष पर पृथ्वी को घूमने में ४ मिनट का समय निर्धारित हैं तो  ४:४८ मिनट में लगने वाले समय अंतर अपने राष्ट्र के दशांतर से स्थानीय देशान्तर में मूल अंतर होगा ।

                                         ४:४८ × ४ मिनट  = १७ मिनट ९२ सेकंड का अंतर स्पष्ट होता हैं ।           

                                           १७ मिनट ९२ सेकंड = १८ मिनट ३२ सेकंड स्पष्ट होता हैं ।

            अर्थात हमारे भागलपुर का भारत से शुद्ध मिनटादि देशान्तर  +१८ मिनट ३२ सेकंड पूर्व में स्पष्ट हैं ।

अलग अलग स्थानीय पञ्चाङ्ग के हिसाव से अलग अलग देशान्तर का मान हो सकता हैं ।

उपरोक्त सूत्र अनुसार यदि भारत के मिर्जापुर में यदि ६:०० बजे सूर्योदय होता हैं तो भागलपुर का स्थानीय तात्कालिक समय स्पष्ट :-

                     ६बजकर ०० मिनट + १८ मिनट ३० सेकंड  = ०६ बजकर १८मिनट ३० सेकंड निश्चित होगा ।

और यदि ०६ बजे यदि हमारे भागलपुर में सूर्योदय का समय निर्धारित होता हैं तो इस हिसाब से मिर्जापुर का राष्ट्रीय समय स्पष्ट =   ०६ बजकर ०० मिनट – १८ मिनट ३० सेकंड = ०५ बजकर ४१ मिनट ३० सेकंड मिर्जापुर का निर्धारित हो जाएगा ।

उपरोक्त प्रकरण के अनुसार हमारे मिथिला पञ्चाङ्ग में भागलपुर का देशान्तर मिनटादि स्पष्ट १८ मिनट पञ्चाङ्ग से लिए गया हैं । जिसे आप सभी अपने अपने मिथिला पञ्चाङ्ग से मिल कर के देख सकते हैं ।

उपरोक्त स्थानीय समय की गणना देशान्तर मान से स्पष्ट की गई हैं जो भूगोल के छात्र विशेष रूप से करते हैं । जो की देशान्तर मान से स्पष्ट होता हैं । कुछ हद तक समय की गणना हेतु ज्योतिष विज्ञ भी इस गणना का प्रयोग अपने कार्य हेतु करते है । किन्तु , ज्योतिषीय कार्य हेतु समय की इस प्रकार की गणना में बड़ी भारी चूक होने की संभावना विशेष तौर पर रहती हैं जिससे ज्योतिषीय गणना प्रभावित हो जाता हैं । स्थूल परिणामों हेतु इस प्रकार की गणना सहायक सिद्ध होती हैं किन्तु , सूक्ष्म स्तर की ज्योतिषीय गणना हेतु ये सहायक सिद्ध नहीं होता ।

विशेष :-

ज्योतिषीय गणना हेतु विशेष रूप से  स्थानीय अक्षांश  का मान  ,  सूर्य क्रांति सारिणी का मासिक चार्ट ,  व  क्रत्यांश चर सारिणी  चार्ट  का उपयोग करना विशेष रूप से लाभदायक होता हैं । जिस चार्ट को यहाँ संलग्न करना संभव नहीं,  इसके लिए पञ्चाङ्ग का या फिर किसी ज्योतिषीय पुस्तक का विशेष रूप से सहारा लिया जा सकता हैं किन्तु , यदि किसी कारणवश आपके पञ्चाङ्ग या ज्योतिषीय पुस्तक यदि इस चार्ट को निर्दिष्ट नहीं करता हैं ! तो , मिथिला के दरभंगा से निकालने वाली विश्वविद्यालय पञ्चाङ्ग का उपयोग आपको संबंधित चार्ट प्राप्ति हेतु क्रय करने चाहिए ऐसा विशेष रूप से सुझाव हैं ।

प्रथम सूत्र अनुसार :-

स्थान नाम :- भागलपुर    तिथि :- २२/०२/२०२५   सूर्य क्रांति स्पष्ट :- १०:१८  भागलपुर अक्षांश :- २५/१५

प्रमुख सूत्र :-

  • सर्वप्रथम हम सभी को भागलपुर के अक्षांश और दैनिक सूर्य क्रांति को लेना हैं नीचे दर्शित क्रियाओ को करने की आवश्यकता होंगी जिसे निर्दिष्ट कर रहा हूँ  ।

भागलपुर अक्षांश स्पष्ट :- २५/१५        सूर्य क्रांति स्पष्ट :- १०:१८

समाधान चरण १. 

( अ )   अक्षांश के प्रथम संख्या २५ और सूर्य क्रांति के प्रथम संख्या १० को एक जगह लिखे ।

 ( ब )  अक्षांश के दूसरे संख्या १५  और सूर्य क्रांति के दूसरे संख्या १८ को एक जगह लिखे ।

सूत्र सिद्धांत अनुसार इसी प्रकार अक्षांश और सूर्य क्रांति सारिणी दोनों के संयोजन को दो भागों में बाँट लेना चाहिए ।

समाधान चरण २ :-

अक्षांश   क्रत्यांश  दैनिक चर-सारिणी से       २५ अक्षांश और १० क्रत्यांश का मान  स्पष्ट करें ।

  •  २५ : १० =     १८:५२     चर मान स्पष्ट ।

आगामी प्रक्रिया देखते जाएँ ।

चुकी माध्यमिक सूर्योदय समय भारत का ०६ बजे माना गया हैं इसीलिए ०६ बजे में संख्या २५:१० के चर मान को जोड़ दें ।

समाधान चरण २ :-

सूत्र अनुसार :-

०६:००:००:०० + संख्या २५:१० का मान मिनट + खंड अ स्पष्ट सेकंड + खंड ब स्पष्ट सेकंड / प्रति सेकंड

०६:००:००:००

+    १८:५२:००

+    ००:१३:००

+    ००:३४:४८

=    ०६:१९:३९:४८ स्पष्ट

अतः २२/०२/२०२५ को भागलपुर में सूर्योदय का स्थानीय समय ०६ बजकर १९ मिनट ३९ सेकंड ४८ प्रति सेकंड पर स्पष्ट हुआ ।

  • उपरोक्त प्रकरण में देशान्तर क्रिया करने से सूर्योदय कालीन घड़ी में होने वाला समय स्पष्ट हो जाता हैं ।

इसीलिए घड़ी में होने वाले समय को स्पष्ट करने हेतु  स्थानीय समय में देशान्तर को घटा दें ।

सूत्र अनुसार :-

०६:१९:३९:४८    –/+     स्थानीय देशान्तर मिनट स्पष्ट

चुकी भागलपुर में सूर्योदय देश के मध्यांतर भाग के मानक से पूर्व में ही होगा इसी लिए इसमे देशान्तर समय को घटाया जाना चाहिए ।

०६:१९:३९:४८ - ००:१८:३२:००  सेकंड = ०६:०१:०७:४८ सूर्योदय स्पष्ट

अतः पूर्ण सूर्योदय कालीन घड़ी में होने वाला समय ०६ बजकर ०१ मिनट ०७ सेकंड ४८ प्रति सेकंड स्पष्ट हुआ ।

सूर्यास्त साधन :-

चुकी सूर्य के इस चार्ट अनुसार दक्षिण क्रांति वृत के होने पर उपरोक्त समय सूर्योदय को स्पष्ट करता हैं । अतः जिस मास व दिन से सूर्य उत्तर क्रांति वृत के होंगे उस दिन से यही समय सूर्यास्त का बन जाता हैं ।  

इसे समझने हेतु चार्ट का समक्ष रहना आती आवश्यक हैं ।

सूत्र अनुसार :-

१२ घंटे ०० मिनट = ११ घंटे ६० मिनट  - ०६ बजकर १९ मिनट को घटाए ।

 ११:६०  -  ०६:१९   =     ०५:४१ सूर्यास्त स्पष्ट

दिनार्धमान  दिनमान रात्रिमान व मिश्रमान स्पष्टीकरण

सूत्र दिनमान साधन हेतु

( उत्तर क्रांति सूर्योदय  × २.५ )  × २  =  उत्तर क्रांति  दिनमान स्पष्ट ।

( दक्षिण क्रांति सूर्यास्त × २.५ ) × २  =  दक्षिण क्रांति दिनमान स्पष्ट ।

विशेष :-

उपरोक्त सूत्र सूर्य क्रांति सारिणी के अनुसार सूर्य के उत्तर क्रांति व दक्षिण क्रांति सिद्धांत ऊपर के सूत्रों में निर्दिष्ट हैं । जो की मिथिला पञ्चाङ्ग अनुसार सितंबर से मार्च तक सूर्य गोचर दक्षिण क्रांति की और निर्धारित हैं बाँकी उत्तर क्रांति की और ।

 समाधान १

दक्षिण क्रांति दिनमान स्पष्टीकरण

सूर्योदय ६ बजकर १९ मिनट  स्पष्ट

सूर्यास्त ०५ बजकर ४१ मिनट स्पष्ट

× २.५ =  १२.५  घटी

४१ × २.५ = १०२ पल  ३० विपल

१२.५ घटी = १२ घटी ३० पल स्पष्ट

१२ घटी ३० पल + १०२ पल = १२ घटी १३२ पल

चुकी ६० पल = १ घटी

इसीलिए १३२ पल = २ घटी १२ पल स्पष्ट

उपरोक्त परिणाम १२ घटी + २ घटी १२ पल

= १४ घटी १२ पल स्पष्ट दिनार्धमान स्पष्ट

१४ घटी १२ पल × २ = २८ घटी २४ पल दिनमान स्पष्ट सूत्र अनुसार स्पष्ट 

दिनमान स्पष्टीकरण हेतु

सूत्र २ :-

रेल्वे समय सूर्यास्त – रेल्वे समय सूर्योदय × २.५ = दिनमान स्पष्ट होता हैं ।

समधान :-

०५:४१ संध्या समय =  १७:४१ रेल्वे समय

रेल्वे सूर्योदय समय स्पष्ट = ०६:१९ प्रातः

अब सूत्र अनुसार क्रिया ।।

१७:४१ – ०६:१९ = ११ घंटे २२ मिनट का अंतर स्पष्ट

११ घंटे × २.५ = २७.५ = २७ घटी ३० पल स्पष्ट

२२ मिनट × २.५ = ५५ पल स्पष्ट

२७ घटी ३० पल + ५५ पल = २७ घटी ८५ पल स्पष्ट

चुकी ६० पल = १ घटी होता हैं

इसीलिए ८५ पल / ६० = १ घटी २५ पल स्पष्ट हुआ ।।

जिसके उपरांत २८ घटी २५ पल दिनमान स्पष्ट हुआ ।।

उपरोक्त दोनों प्रकरण में १ पल का अंतर देखने को प्राप्त होता हैं । तो दोनों विधि से सर्वमान्य दिनमान हैं ।

रात्रिमान हेतु सूत्र सम्पादन :-

( उत्तर क्रांति सूर्यास्त  × २.५ )  × २  =  उत्तर क्रांति रात्रिमान  स्पष्ट ।

( दक्षिण क्रांति सूर्योदय × २.५ ) × २  =  दक्षिण क्रांति रात्रिमान स्पष्ट ।

सूत्र २ :-

६० दंड ०० पल – दिनमान स्पष्ट  = रात्रीमान स्पष्ट हो जाता हैं ।

समाधान सूत्र १ के अनुसार :-

( दक्षिण क्रांति सूर्योदय ०६ बजकर १९ मिनट स्पष्ट × २.५ ) × २ = रात्रिमान स्पष्ट

०६ × २.५ = १५ × २ = ३० घटी

१९ × २.५ = ४७.५ = ४७ पल ३० विपल

४७ पल × २ = ९४ पल स्पष्ट

३० विपल × २ =  ६० विपल स्पष्ट

६० विपल = १ पल सूत्र अनुसार स्पष्ट
इसीलिए  ९४ पल + १ = ९५ पल स्पष्ट

९५ पल = १ घटी ३५ पल स्पष्ट

इसीलिए ३० घटी + १ घटी ३५ पल स्पष्ट = ३१ घटी ३५ पल स्पष्ट रात्रिमान

समाधान सूत्र २ अनुसार :-

६० घटी ०० पल – दिनमान स्पष्ट

          ६०:००

-  २८:२५

=                ३१:३५ स्पष्ट

अर्थात इस सूत्र से भी  ३१ घटी ३५ पल रात्रीमान स्पष्ट होता हैं ।

मिश्रमान स्पष्टीकरण सूत्र :-

रात्रीमान के दो भाग कर देने से अर्धरात्रीमान  स्पष्ट होता हैं उसे दिनमान में जोड़ देने से मिश्रमान स्पष्ट हो जाएगा ।

सूत्र अनुसार क्रिया :-

३१ ÷ २ = १५ घटी स्पष्ट १ घटी शेष

१ घटी = ६० पल + ३५ पल = ९५ पल ÷ २ = ४५ पल स्पष्ट ५ विपल स्पष्ट 

अर्थात अर्धरात्रीमान स्पष्ट = १५ घटी ४५ पल ०५ विपल स्पष्ट

मिश्रमान = दिनमान + अर्धरात्रीमान स्पष्ट

    २८:२५

+  १५:४५

=  ४४:१०

ॐ नमो  इति

ज्योतिषविज्ञ :- आर के मिश्र   ( भागलपुर ज्योतिष व शोध केंद्र )

संपर्क सूत्र :- ६२०२१९९६८१ पता :- रॉय बहादुर सूर्य प्रसाद रोड झौवा कोठी  नई दुर्गा स्थान गली छोटी खंजरपुर भागलपुर ०१

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